Shodashi for Dummies

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Tripura Sundari's form is not only a visual illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees by means of symbols to comprehend further cosmic truths.

षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥

A unique characteristic on the temple is souls from any religion can and do offer puja to Sri Maa. Uniquely, the temple administration comprises a board of devotees from numerous religions and cultures.

कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः

॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥

यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे

यस्याः विश्वं समस्तं बहुतरविततं जायते कुण्डलिन्याः ।

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥

Her Tale consists of famous battles towards evil forces, emphasizing the triumph of fine above evil as well as the spiritual journey from ignorance to enlightenment.

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।

The noose symbolizes attachments, While the goad signifies contempt, the sugarcane bow demonstrates dreams, and the flowery arrows stand for the 5 perception organs.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै website में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಐಂ ಸೌ: ಓಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ ಕ ಎ ಐ ಲ ಹ್ರೀಂ ಹ ಸ ಕ ಹ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸ ಕ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸೌ: ಐಂ ಕ್ಲೀಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ 

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